भारत सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए ‘उद्योगिनी योजना 2025’ की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं बिना ब्याज के ₹3 लाख तक का ऋण प्राप्त कर सकती हैं, साथ ही ₹90,000 तक की सब्सिडी का लाभ भी उठा सकती हैं। यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
उद्योगिनी योजना 2025 का उद्देश्य
उद्योगिनी योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना के माध्यम से, महिलाएं अपने घर या गांव में छोटे व्यवसाय शुरू कर सकती हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी और वे समाज में सम्मानित स्थान प्राप्त कर सकेंगी।
उद्योगिनी योजना की विशेषताएं
- महिलाओं को ₹1 लाख, ₹2 लाख या ₹3 लाख तक का ऋण बिना ब्याज के प्रदान किया जाएगा।
- ऋण की कुल राशि का 30% (अधिकतम ₹90,000) सब्सिडी के रूप में माफ किया जाएगा।
- ऋण की अवधि 3 से 5 वर्षों तक हो सकती है, जिसमें 6 महीने की मोहलत भी शामिल है।
- इस योजना के तहत ऋण प्राप्त करने के लिए किसी प्रकार की संपत्ति या गारंटी की आवश्यकता नहीं होगी।
उद्योगिनी योजना पात्रता मानदंड
- आवेदिका की आयु 18 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- परिवार की वार्षिक आय ₹1.5 लाख होनी चाहिए।
- विधवा, दिव्यांग या एससी/एसटी/ओबीसी वर्ग की महिलाएं आय सीमा की शर्त से मुक्त हैं।
उद्योगिनी योजना आवश्यक दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- बीपीएल राशन कार्ड
- जाति प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- बैंक खाता विवरण
- मोबाइल नंबर
उद्योगिनी योजना के लाभ
- महिलाएं अपने व्यवसाय के माध्यम से आय अर्जित कर सकती हैं।
- स्वरोजगार से महिलाएं अपने समय और कार्य को स्वयं नियंत्रित कर सकती हैं।
- स्वरोजगार से महिलाएं समाज में सम्मानित स्थान प्राप्त कर सकती हैं।
उद्योगिनी योजना आवेदन प्रक्रिया
- आवेदिका को अपने नज़दीकी सरकारी बैंक शाखा से संपर्क करना होगा।
- बैंक शाखा से उद्योगिनी योजना का आवेदन फॉर्म प्राप्त करें।
- आवेदन फॉर्म में आवश्यक जानकारी भरें और आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें।
- आवेदन फॉर्म और दस्तावेज़ बैंक में जमा करें।
- बैंक द्वारा दस्तावेज़ों की जांच के बाद, ऋण स्वीकृति की प्रक्रिया शुरू होगी।